कथक नृत्य
इस नृत्य का इतिहास बहुत प्राचीन है।मोहन जोदड़ों और हडप्पा की खुदाई में प्राप्त नृत्य करती हुई मूर्तियां इसकी प्राचीनता सिध्द करती है।
13 मार्च, 2023 by
Gotirth Vidyapeeth

वेद, पुराण, रामायण, महाभारत आदि ग्रंथों में नृत्य का उल्लेख मिलता हैं।

Slide image

कथक उत्तर भारत का एक मात्र शास्त्रीय नृत्य है।कथक शब्द की उत्पत्ति 'कथा' शब्द से हुई है।

जिसका अर्थ एक कहानी है।जिसका उल्लेख 4th सेंचुरी BC से 3rd सेंचुरी BC (मौर्यकाल) में भी पाया जाता है।

प्राचीन काल में मंदिरों में विभिन्न मुद्राओं और संगीत के माध्यम से महाकाव्यों की उपकथाओं के विस्तृत आधार पर कहानियों का वर्णन करते हुए कथक की प्रस्तुति होती थी।

इस नृत्य में तबला-पखावज से संगति की जाती है।

Slide image

जो आपको शारीरिक रूप से मजबूत बनाता है।

मंच के डर पर काबू पाने में मदद करता है। ध्यान केंद्रित करने की आपकी क्षमता को बढ़ाता है।

आपको एक अच्छा टीम वर्कर बनाता है। आपके दिमाग को तेज बनाता है।

आपके भावों को बेहतर बनाने में मदद करता है।

आपको भारतीय संस्कृति और विरासत के नजदीक रहने में मदद करता है ।

आपको एक बेहतर कहानीकार बनाता है।

एक उत्कृष्ट छात्र वही होता जो गुरु द्वारा दिया गया शिक्षण इतना त्वरित ग्रहण करे के गुरु को उसे ज्यादा से ज्यादा शिक्षा देने की इच्छाशक्ति हो।

गोतीर्थ विद्यापीठ की छात्राओ के साथ मुझे हमेशा यही अनुभूति हुई है।

जो आज के इस समय में काफी दुर्लभ दिखाई देती है।

Slide image
Slide image
Slide image
Slide image
Gotirth Vidyapeeth
13 मार्च, 2023
Share this post
Archive